सबसे पहले मैं आप लोगों से माफ़ी चाहती हूँ कि कुछ निजी कारणों से कोई नया पोस्ट नहीं लिख पाई साथ ही टिप्पणीयां देने में भी बीच-बीच में रुकावटें आती ही रही. उम्मीद है कि अब लगातार आप लोगों से मैं जुडी रहूंगी .आज की पोस्ट बंगाल की घटनाओ पर आधारित है.
बंगाल प्राकृतिक आपदा पीड़ित प्रदेशों में से एक माना जाता रहा है परन्तु हाल फिलहाल में यहाँ मानव निर्मित आपदाएं कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं . जहरीली शराब कांड से पहले बड़ी संख्या में अस्पतालों में शिशुओं की मृत्यु हुई , इसके बाद अस्पताल में हुए अग्नि कांड में बड़ी संख्यां में हुई मौत से बदइन्तजामी सामने आ गई . आग के सिलसिले में ऐसे लोगों को हिरासत में लिया गया जो नामी कंपनियों से ताल्लुक रखते है साथ ही निजी अस्पताल भी चलाते हैं . आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण ऐसी त्रासदी हुई. इसके तुरंत बाद ही जहरीली शराब कांड से मौत का भीषण तांडव देखने को मिला .
बदकिस्मती से हमारे देश में ऐसे लाखों परिवार है जहाँ बच्चे भूख से तड़पते रहें , लेकिन दारू की व्यवस्था होनी चाहिए .ऐसे लोगो में रिक्शे वाले , ठेले वाले और मजदूर लोग होते हैं . गाँव में चाहे शुद्ध पेय जल न मिले लेकिन देशी शराब की दूकान जरुर मिल जाती है. हमारी सरकार भी साल में एक बार मद्य निषेध दिवस मनाकर अपना फर्ज पूरा समझती है और राजस्व के लालच में अधिक से अधिक शराब की बिक्री को बढ़ावा भी देती है. अपने फायदे के लिए देशी ठेका वाले शराब जैसी चीज में भी हेरा फेरी करने से बाज़ नहीं आते .. ठेले वाले या मजदूर लोग शराब को अपनी थकान मिटाने का जरिया समझते हैं साथ ही शराब का कम मूल्य होना भी मजदूरों को इस और आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण कारण बन जाता है. बहुत से लोग शराब की और अपने मित्रो की गलत संगति के कारण भी आकर्षित हो जाते हैं .
एक के बाद इस तरह की घटनाओं से पश्चिम बंगाल प्रशासन सवालों के घेरे में नज़र आ रही है . सरकार को जल्दी ही दोषियों के खिलाफ सख्त करवाई करनी चाहिए न की मुआवजा भर दे कर अपनी औपचारिकता पूरी समझनी चाहिए . बिना पुलिस के सहयोग के तो नकली शराब की दुकान कहीं चल ही नहीं सकती इसलिए पुलिस वाले तो सीधे - सीधे जिम्मेदार हैं इसलिए उनकी भी जाँच अवश्य होनी चाहिए. फिलहाल तो सी आई डी जाँच कर रही है आगे देखते हैं क्या होता है ......?
बंगाल प्राकृतिक आपदा पीड़ित प्रदेशों में से एक माना जाता रहा है परन्तु हाल फिलहाल में यहाँ मानव निर्मित आपदाएं कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं . जहरीली शराब कांड से पहले बड़ी संख्या में अस्पतालों में शिशुओं की मृत्यु हुई , इसके बाद अस्पताल में हुए अग्नि कांड में बड़ी संख्यां में हुई मौत से बदइन्तजामी सामने आ गई . आग के सिलसिले में ऐसे लोगों को हिरासत में लिया गया जो नामी कंपनियों से ताल्लुक रखते है साथ ही निजी अस्पताल भी चलाते हैं . आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण ऐसी त्रासदी हुई. इसके तुरंत बाद ही जहरीली शराब कांड से मौत का भीषण तांडव देखने को मिला .
कोलकाता से 52 किमी दूर दक्षिण 24 परगना जिले के मगराहट ब्लॉक के संग्रामपुर क्षेत्र में यह घटना हुई . रेलवे स्टेशन के निकट अवैध शराब की दुकान पर देशी शराब पीने के बाद बैचेनी , तेज पेट दर्द महसूस होने के बाद लोगो को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
कम से कम शराब के दुष्प्रभावों के प्रति आम जनता में जागरूकता तो पैदा की ही जा सकती है .
37 टिप्पणियां:
यह जानबूझकर बुलाई गयीं आपदाएं हैं रेखा..... सच में बहुत दुखद है की लोगों में आज भी जागरूकता आभाव है ऐसी घटनाएँ होती हैं..... नशे की लत चलते कई घर परिवार ही उजाड़ जाते हैं..... ऐसे मामलों में उचित कार्यवाही ज़रूरी है....
शराब की सच्चाई ज़हर से अधिक कड़वी है. सरकार शराब की बोतलों पर लिखवाती है कि यह 'स्वास्थ्य के लिए हानिकारक' है लेकिन गाँव में ठेकों की नीलामी से पैसे बटोरना भी नहीं भूलती. शराब का उत्पादन षडयंत्र चाहे न हो परंतु ग़रीब मज़दूरों के संदर्भ में किसी षडयंत्र से कम भी नहीं.
बहुत ही दर्दनाक घटना, लेकिन क्या ऐसा पहली बार हुआ है ? हर बार प्रश्न उठे हैं ,हर बार जाँच हुई है.कब तक खानापूर्ति करके दायित्व निभाने का काम चलता रहेगा.स्व-प्रेरणा से ही इस दानव से बचा जा सकता है.जागरुकता लानी होगी, जागरुक बनना होगा.बहुत सार्थक आलेख.
दारू-बंदी जरूरी है.
बहुत दुखद घटना है ...पश्चिम बंगाल की
काश लोग शराब की भयंकरता को समझ पाते !
रेखा जी आप देर से आयीं पर ज्वलंत समस्या लायीं ! कोलकाता में मै अपनी बाईस वर्ष गुजरे है ! यहाँ के पोलिश से लेकर उच्चे दरजे के लोगो के मिलीभगत से वाकिफ हूँ ! इसी का यह एक नतीजा matr है ! सरकार तो शाराब को बंद नहीं करेगी !पिने वाले आदत नहीं छोड़ेंगे ! तो आखिर दोष किसे दिया जाय !मरने वाले मरते रहेंगे , मुआवजा मिलती रहेगी , दोषी सरे आम घुमते रहेंगे ! देंखे आगे क्या होता है !लगता है ममता बनर्जी को हेल्थ मंत्री होने का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है !पहले बच्चे मरे , बाद में रोगी मरे और शराब के रोगी और आज ममता के माँ का देहावसान अस्पताल में हो गया है !इश्वर महान है !
दर्दनाक घटना....
“नशा हे खराब, झन पीहू शराब”
नारा याद आ गया...
सादर.
इंसान आपदाएं खुद आमंत्रित करता है , बचाव के तरीके हैं मगर हम इस परिणिति की उम्मीद नहीं करते ...
बढ़िया रचना के लिए आभार !
बेहतरीन और सार्थक पोस्ट.....
बेहतरीन और सार्थक पोस्ट.....
दुखद घटना।
शराब के दुष्प्रभाव को लेकर लोगों को स्वयं जागरूक होना चाहिए..... सरकार के भरोसे रहने से कुछ खास नहीं होने वाला।
बहुत दुखद घटना है।
दोषियों पर शीघ्र कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।
बहुत दुखद घटना है.
जागरूकता की परम आवश्यकता है.
आपकी पोस्ट सार्थक और विचारोत्तेजक है.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा रेखा जी.
REKHA BAHUT SAMYIK MUDDE KO UTHHAYA HAI .ACHCHHI V BAHUT KUCHH SOCHNE KO VIVASH KARTI POST .AABHAR
वैसे तो वामपंथियों ने पिछले ३५ वर्षों ने बंगाल को एक आदमी के जीने लायक छोड़ा ही नहीं, खासकर हिन्दुओं के| उनके बाद ममता बनर्जी भी तुष्टिकरण पर चलने वाली|
भारत देश में आज दूध पर VAT है किन्तु शराब VAT free है| सरकार का कहना है की दूध छोडो और शराब पियो| गरीब वर्ग के लोग तो इसकी चपेट में बुरी तरह फंसे हैं| बच्चे भूखे मर रहे हैं किन्तु रोज़ शाम इन्हें शराब का कोटा पूरा करना ज़रूरी है| सस्ते के चक्कर में नकली शराब पीकर मर रहे हैं सो अलग|
नशे की लत.........uf,
दारू-बंदी जरूरी है.
पुलिस वालों की हमारे नेताओं ने क्या औकात छोड़ी है यह मायावती सबको समझा दिखा चुकीं हैं सारा दोष पुलिस के मार्फ़त पैसा खाने वाले राजनितिक माफिया का है .राजस्व चाहिए सरकार चलाने को भी .तोंद बढाने को भी .क़ानून तो सरकारें ही तुडवा रही हैं.सैयां भये कोतवाल फिर डर काहे का .इसीलिए तरह तरह के माफिया पल रहें हैं .रालेगन सिद्धि में चलाए कोई देशी शराब के भट्टे . आपने बुनियादी सवाल उठाएं हैं इस पोस्ट में .
बहुत दुखद घटना है. सच नशा करना एक बीमारी को आमंत्रित करना है..सार्थक लेख..
ज्वलंत समस्या को उठाया है आपने .... और इस कारोबार में सरकार भी बराबर की दोषी है ...
शराब सरकार के लिए राजस्व का विषय है,चिंता का नहीं।
बेहद दुखद घटना है यह ..
शर्मनाक घटना है ये जब बुरे काम का नतीजा सबको पता है कि ऐसा ही होता है तो लोग खुद ही रुकते क्यों नहीं है ..
एक चिंतनीय विचार !
आपको और परिवारजनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
आप को सपरिवार नव वर्ष 2012 की ढेरों शुभकामनाएं.
इस रिश्ते को यूँ ही बनाए रखना,
दिल मे यादो क चिराग जलाए रखना,
बहुत प्यारा सफ़र रहा 2011 का,
अपना साथ 2012 मे भी इस तहरे बनाए रखना,
!! नया साल मुबारक !!
आप को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया, आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ, एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से नया साल मुबारक हो ॥
सादर
आपका सवाई सिंह राजपुरोहित
एक ब्लॉग सबका
आज का आगरा
नव वर्ष मंगलमय हो !
बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ....
दर्दनाक और दुखद
achchi prastuti.
महत्वपूर्ण विषय को उठाया है आपने.
bahut hi vicharniya post.... tax ki kamai aur sharab mafiyaon se milne vale akut dhan sampati se sarkaren bhi currupt ho gayee hai...
sharab...aajkal fashion ban gai hain aur das rahi hain har kisi ko
mere blog par bhi aaiyega
umeed kara hun aapko pasand aayega
http://iamhereonlyforu.blogspot.com/
बहुत दुःख देती हैं ऐसी घटनाएं !
दुखद घटना बहुत सार्थक अभिव्यक्ति ,बेहतरीन पोस्ट....
wel come to my new post...वाह रे मंहगाई...
बेहतरीन पोस्ट.....
बढ़िया रचना
सार्थक लेख..
This is very neatly written article. I will sure to bookmark it and come back to learn more of your useful info.Thank you for the post. I will certainly return.
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