फिलहाल आज सुबह बाबा रामदेव का अनशन तो समाप्त हो गया है परन्तु उनका कहना है कि केवल अनशन ख़त्म हुआ है आन्दोलन अब भी जारी है . उनका अनशन ख़त्म करने के लिए जिस तरह संत समाज के लोग पहुंचे थे उससे तो ऐसा लगता है बाबा को उनका पूरा समर्थन मिलता रहेगा.
वैसे बाबा के इस अनशन से बाबा और जनता को क्या मिला ये तो अभी तक साफ नहीं हो पाया है परन्तु इतना अवश्य है कि अन्ना और रामदेव के द्वारा किये गए इन आंदोलनों और सत्याग्रहों के माध्यम से हमारे देश की जनता काफी जागरूक दिख रही है. बाबा रामदेव के आन्दोलन के विषय में तो मैं काफी कुछ कह चुकी हूँ इसलिए आज अन्ना हजारे के आन्दोलन के बारे में कुछ बातें कहना चाहती हूँ .
अन्ना हजारे "इंडिया अगेंस्ट करप्सन" के माध्यम से जन लोकपाल बिल लाना चाहते है जिससे सारे सरकारी तंत्र से भ्रस्टाचार दूर किया जा सके.
जब आदरणीय मनमोहन सिंह ने इस देश की बागडोर को संभाला था तो जनता ने सोचा कि सत्ता की बागडोर एक साफ छवि वाले नेता के हाथों में आ गई है . परन्तु क्या सचमुच ऐसा था ?
अन्ना जन लोकपाल कानून के दायरे में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को भी लाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री की सोच का तो पता नहीं परन्तु बहुत से अन्य नेताओं की सोच ऐसी बिलकुल नहीं है .
कुछ नेता जन लोकपाल विधेयक से डर रहे हैं तो कुछ डरा रहे हैं
कुछ जन लोकपाल को लेकर अपना-अपना बहुमूल्य सुझाव दे रहे है .
एक बार जन लोकपाल आ गया तो कुछ भी हमारे लिए आसान नहीं रहेगा
कई नेता तो अपने आपको भ्रष्टाचारी कहने के खफा भी है .
अब तक तो प्रधानमंत्री भी भ्रस्टाचार मिटाना आसान नहीं है बोलते आये है
अब जन लोकपाल बिल ही एक मात्र उपाय है, और प्रधानमंत्री को इसे स्वीकार कर ही लेना चाहिए
जन लोकपाल सरकार के नियंत्रण से पूरी तरह से मुक्त होगा . वर्तमान समय में भ्रस्टाचार निरोधी सभी संस्थाए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सरकार के नियंत्रण में कार्य करती है सो नेता और अफसर जाँच को प्रभावित करते है . जन लोकपाल के के माध्यम से आरोपी को निश्चित समय अवधि में सजा मिलेगी, साथ ही उसे देश के नुकसान की भरपाई भी करनी होगी . इसलिए जन लोकपाल का समर्थन कीजिये .
यदि आप प्रत्यक्ष रूप से समर्थन नहीं कर सकते है तो इस रूप में समर्थन करें.
जब आप इस नंबर पर मोबाइल से कॉल करते है तो एक रिंग के बाद कॉल स्वयं कट जायेगा." आपने इस मुहीम का समर्थन किया है" यह सन्देश भी तुरंत आपको प्राप्त हो जायेगा .
10 टिप्पणियां:
नौ के नौ कार्टून काफ़ी अच्छे है, सच्चाई बता रहे है। जो फ़ोन का लिंक आपने दिया है, मैं भी उस पर काल कर चुका हूँ।
Bitter reality unleashed !!!
कार्टून के माध्यम से लेख पढने में आनंद आ जाता है ...बहुत बढ़िया लेख ......आभार
बहुत बढ़िया तरीके से आपने बात रखी है. सुंदर और सुरुचिपूर्ण.
बहन रेखा जी आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ| आपकी यह पोस्ट इन चित्रों के साथ बेहद रुचिकर लगी...मैं भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस आन्दोलन में शामिल हूँ| दिल्ली के रामलीला मैंदान में भी मैं शामिल था|
बहन रेखा जी आप मेरे ब्लॉग को Follow कर रही हैं...मैंने अपने ब्लॉग के लिए Domain खरीद लिया है...पहले ब्लॉग का लिंक pndiwasgaur.blogspot.com था जो अब www.diwasgaur.com हो गया है...अब आपको मेरी नयी पोस्ट का Notification नहीं मिलेगा| यदि आप Notification चाहती हैं तो कृपया मेरे ब्लॉग को Unfollow कर के पुन: Follow करें...
असुविधा के लिए खेद है...
धन्यवाद....
मत कहो आकाश पे कोहरा घना है यह किसी की व्यक्ति गत आलोचना है ।
आपकी चित्रमय प्रस्तुति पोस्ट का फिल्मांकन सा है चुटीले व्यंग्यात्मक कार्टून सब कथा कह देतें हैं .बहुत सुन्दर सार्थक ,सत्यम -शिवम् -सुन्दरम पोस्ट .आभार .
कार्टून के माध्यम से लेख पढने में आनंद आ जाता है ...बहुत बढ़िया लेख ......आभार
बहुत बढ़िया तरीके से आपने बात रखी है |
इतिहास गवाह हैं हूमें अपने देश को आज़ाद करवाने के लिए भी ऐसे सैकड़ो आंदोलन करने पड़े थे जब जाके हूमें आज़ादी मिली थी | यह तो शुरुआत हैं | अब हम सभी भारतवासी साथ देंगे तभी हमारे देश से भ्रष्टाचार ख़तम हो सकता हैं | हूमें सभी राजनेटिक दल के सभी भ्रष्टाचारी नेताओ को जनतंत्र की ताक़त दिखानी पड़ेगी........
hahahahha....
vyangyatmak andaaz pasand aaya...
राजनीति की इस चौसर पर ,जैसे गोट -वोट ज़रूरी है ,
ऐसे काले धन की खातिर ,भ्रष्ट व्यवस्था बहुत ज़रूरी ।
साथ -साथ दोनों हैं चलते ,नहीं कहीं कोई तकरार ,
गठबंधन की आड़ में यारों ,कैसी अजब गज़ब सरकार ,
मंत्री मुख पर पड़ीं नकाबें ,शक्लें सब मनमोहनी हैं ।
दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है ।।
मंद बुद्धि के पाले में ,फिर तर्क जुटाते कई उकील ,
चम्पू कई हैं ,जुगत भिड़ाते ,गढ़ते रंगीली तस्वीर ।
कहते हैं अब उम्र यही है ,भारत की बदले तकदीर ,
निकल गई गर हाथ से बाज़ी ,पड़ेगी दिल्ली खोनी है ,
उन्नीस की गिनती है उन्नीस ,इक्कीस कभी न होनी है ।
दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है ।।
लाख भोपाली जादू टोने अफवाहें ,छल छदम घिनौने ,
काम नहीं कर पायेंगें ये ,अश्रु जल से चरण भिगोने ।
अपनी रोनी सूरत से तुम ,बदसूरत चैनल को करते ,
दोहराते हो झूठ बराबर ,शर्मसार भारत को करते ,
अब तो आईना सच का देखो ,सिर पर बैठी होनी है ,
दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है ।
आओ सारे मिलकर देखें किस्मत किसकी सोहनी है ।
उन्नीस की गिनती है उन्नीस इक्कीस कभी न होनी है ।
विशेष :इक्कीस जून सोनिया जी का जन्म दिन हैं मुबारक उन्हें .उनके भोपाली चिरकुटों को ।
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