स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

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शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

महाबलेश्वर और पंचगनी दर्शन

आगे हम लोग महाबलेश्वर मंदिर गए . महाबलेश्वर  मंदिर से पहले भी हमने एक शिव मंदिर में भगवान शिव के दर्शन किये .महाबलेश्वर मंदिर में तो हमें कैमरा बंद रखना पड़ा . मंदिर के बाहर का दृश्य ये रहा .  




महाबलेश्वर मंदिर के पास में ही पंचगंगा मंदिर है. वहां पर भी हमें कैमरा बंद रखना पड़ा. बाहर के दृश्य तो आप भी देख सकते है.

 इस मंदिर में एक साथ यहाँ की पांच प्रमुख नदियों  (कोयना , कृष्णा,वीणा ,गायत्री,सावित्री ) का पवित्र जल एक जगह मिलता है . इस पवित्र जल का काफी महत्व है. इस जल की संयुक्त धारा को ही पंचगंगा कहते है.गूगल की कृपा से हमें अन्दर के कुछ दृश्य भी प्राप्त हुए है.आप भी आनंद उठाइए .


अगले दिन हम लोग पंचगनी की ओर गए . सबसे पहले रास्ते में हमने फलों का जूस ,जैम,शरवत इत्यादि बनाने वाली एक स्थानीय फेक्ट्री को बाहर से देखा . उसके बाद  हम पारसी प्वायंट पहुंचे .



यहाँ पर  एक और आकर्षण केंद्र था.

अंत में हम लोग पंचगनी पहुंचे जहाँ घोडा गाड़ी से हमने वहां के नज़ारों का आनंद उठाया . यहाँ एक बार फिर हमें जबरदस्त हवा का सामना करना पड़ा. पंचगनी महाबलेश्वर के मुकाबले समुन्द्र तल से कम उंचाई पर है इसीलिए यहाँ मौसम थोडा खुला हुआ था.








वहां पांडवों के पदचिन्ह भी देखने को मिले .पदचिन्ह के बाद का चित्र पांडवों की गुफा के बाहर का है.  पांडवों की सी गुफा के अन्दर आज एक रेस्टोरेंट चल रहा है. जहाँ गुप्प अँधेरे में बैठ कर लोग खा भी रहे थे. उनको देखने के बाद मैंने मन ही मन सोचा कि ये लोग क्या खा रहे है इन्हें भी पता है क्या ?   गुफा के अन्दर जाने के लिए भाड़े पर टोर्च भी मिल रहा था पर हमने बाहर से ही गुफा को नमस्कार कर लिया .






हमारे इन चित्रों के माध्यम से आपने भी महाबलेश्वर और पंचगनी के मनमोहक दृश्यों का आनंद जरुर उठाया होगा  तो आपकी भविष्य की महाबलेश्वर और पंचगनी की यात्रा के लिए अभी से शुभकामनायें .

19 टिप्‍पणियां:

SANDEEP PANWAR ने कहा…

बहुत की शानदार यात्रा रही है,
ये वाली उतने ही शानदार जोडी के भी फ़ोटो है,
गुफ़ा कैसे रह गयी।

virendra sharma ने कहा…

नयना भिराम सौन्दर्य को आपके होने ने और भी चार चाँद लगाए लगा अपने ही परिवार की कोई एल्बम देख रहें हैं ,बिलकुल अपने पण का एहसास .सुन्दर वृत्तांत एक एक तस्वीर बोलती बतियाती है .पारिवारिक स्पर्श ने यात्रा को नए आयाम दिए .शुक्रिया सांझा करने के लिए .

वाणी गीत ने कहा…

गुफा के भीतर जाकर देखना चाहिए था ...जल की बूँदें शिव अभिषेक करती दिखाई देती हैं ....अँधेरा तो खूब होता है फिर भी !
बहुत सी यादें ताजा हुई इन चित्रों के साथ !

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

घर बैठे मुफ्त की सिर कराने हेतु धन्यवाद.

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Bahut hi Sunder chitra...... Thanks for sharing

दिवस ने कहा…

वाह बहुत सुन्दर चित्र...काफी अच्छी यात्रा रही...
लगा हम भी घूम लिए...

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

बहुत-बहुत धन्यवाद ........
आपके माध्यम से पवित्र और दर्शनीय स्थलों के भ्रमण का सुख मुझे भी मिल गया ...
बहुत सुन्दर चित्र ...........मनमोहक

नीरज गोस्वामी ने कहा…

कमाल के चित्र खींचे हैं ...इन्हें देख कर सबका मन महाबलेश्वर पंचगनी जाने को करेगा...रोचक वर्णन भी साथ में चार चाँद लगा रहा है...वैसे खोपोली, जहाँ मैं रहता हूँ इन दिनों महाबलेश्वर से कम खूबसूरत नहीं है...

नीरज

राज शिवम ने कहा…

आपने तो महाबलेश्वर का दृश्य दिखाकर मन मोह लिया।बहुत ही भक्तिमयी हृद्वय की स्वामीनी हैं आप,मेरी ढेर सारी शुभकामना।माँ की कृपा बनी रहे आप पर।,बधाई।

कुमार राधारमण ने कहा…

अच्छा बताया। कभी जाना हुआ तो आपका स्मरण आएगा।

Kunwar Kusumesh ने कहा…

अच्छे दृश्य/अच्छी तस्वीरें.

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

महाबलेश्वर की तस्वीरों को देखना सुखद रहा।

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत ही शानदार यात्रा वर्णन चित्रों के साथ| धन्यवाद|

Atul Shrivastava ने कहा…

तस्‍वीरें देखकर इस जगह की अपनी यात्रा की यादें ताजा हो गईं........
शुभकामनाएं आपको

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

इस ब्लॉग पर आना वाकई सुखद लगा |शुभकामनायें

Arunesh c dave ने कहा…

आपने बिना टिकट सचित्र यात्रा करवा दी साथ मे भोजन का विनोद दुआ जैसे जायका भी चखवा देतीं तो मामला और भी जम जाता

Manish ने कहा…

दृश्य तो वाकई मनमोहक लगे. :)

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सुन्दर चित्र .....मनमोहक....काफी अच्छी यात्रा रही...

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

बहुत सुंदर जगह है ..इतने नजदीक होने के बावजूद भी मैं आज तक यहाँ न जा सकी ...आप-के कारण यहाँ के दर्शन हो गए ...