स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

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शनिवार, 2 जुलाई 2011

महाबलेश्वर और पंचगनी दर्शन:एक

पिछले महीने हमने मुंबई की गर्मी से परेशान होकर महाबलेश्वर और पंचगनी की यात्रा करने की सोची. यह पर्यटन क्षेत्र सतारा जिले में स्थित है. राज्य परिवहन की बस से हम एक दम सुबह-सुबह पांच बजे पंहुच गए . जब हम वहां पंहुचे तो बस स्टैंड में गुप्प अँधेरा था क्योंकि वहां बिजली कटी हुई थी. एक तो नई जगह , चारो तरफ गुप्प अँधेरा और ऊपर से सुबह की जबरदस्त ठण्ड में हमारी हवा ख़राब हो गई थी . ऐसे समय में हमको हमारे जैसे एक और नवदम्पति भी मिल गए . हम सड़क पार करके एक चाय की दुकान तक जाने ही वाले थे की एक टेक्सी वाले भाई साहब ने हमें आवाज दी .  इस समय हमरी जरुरत टेक्सी ही थी जो हमें किसी होटल तक ले जा सके और टैक्सी वाले भाई साहब तो  जैसे हमारा ही इंतजार कर रहे थे. उन्होंने हमें देखते ही कुछ होटल के कमरे के चित्र दिखाए . हमने भी उनके आगे आत्मसमर्पण कर दिया और मन ही मन कहा की  यहाँ से तो ले चलिए .
होटल हमें ठीक लगा या यूँ कहिये की ठीक तो लगाना ही था . पहले हमने विश्राम करने का निर्णय लिया.  उस  समय होटल का वह कमरा स्वर्ग समान  लग  रहा था क्योंकि इस दौरान हम ठण्ड से अकड़ चुके थे .
फिर दस बजे के करीब नाश्ते के बाद हम घूमने के लिए निकल पड़े . सबसे पहले हम स्वयं भू गणेश जी के मंदिर गए और उसके बाद प्लेटो प्वायंट देखने गए . प्लेटो प्वायंट के करीब में  ही किंग चेयर्स भी है . वहां पर हवा की रफ़्तार तो बहुत ही तेज़ थी . हलके फुल्के लोग तो वहां टिक ही  नहीं सकते. कुछ नज़ारे आप भी देखिये .







यहाँ के बाद में हम लोग काटे'स प्वायंट, एलिफेंट हेड प्वायंट और इको प्वायंट देखने गए ये सभी आस -पास ही हैं .आप भी देखिये 





महाबलेश्वर स्ट्राबेरी के लिए भी मशहूर है और यहाँ पर एक आइस क्रीम की  दुकान में ढेर सारे अभिनेताओं की फोटो भी  लगी हुई है .  आप भी आनंद लीजिये .



फिर हम लोग प्रतापगढ़ किले में गए थे वहां से भी नज़ारा बहुत अच्छा था लेकिन हम जब वहां पंहुचे तो बरसात शुरू हो गई जिस के कारण वहां फोटो लेने में दिक्कत हो रही थी.
 मैं पानी नहीं निकाल रही, बस फोटो खिंचा रही हूँ 
 किले के बाहर का दृश्य 
 ये तोप नकली है 

 शिवाजी महाराज की प्रतिमा के नीचे 

 किले का मुख्य द्वार 
यहाँ मरम्मत का कार्य चल रहा है इसलिए हम वह तक जा नहीं पाए 
भवानी मंदिर के बाहर 
ये मेरे पति हैं और सारी फोटो इन्होने ही खिंची है 

आज के लिए काफी हो गया.  महाबलेश्वर के मुख्य मंदिर , पंचगंगा और पंचगनी तक का सफ़र मेरी बातें के अगली पोस्ट में देखिये. 



17 टिप्‍पणियां:

SANDEEP PANWAR ने कहा…

आप के बाद अब हमारी जाने की बारी है,

दिवस ने कहा…

बहन रेखा जी, कभी महाबलेश्वर गया नहीं...आपने घर बैठे ही इसके दर्शन करवा दिए...बहुत सुन्दर है...आशा है जल्दी ही जाना हो यहाँ...
सुन्दर तस्वीरें...आभार...

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सभी चित्र मनमोहक हैं....

S.M.Masoom ने कहा…

पेश करने का अंदाज़ पसंद आया. और चित्रों के लिए तो आप के पति देव की ही तारीफ करना सही होगा. वैसे मैं आज महाबलेश्वेर मैं ही हूँ.
www.amankapaigham.com

Bharat Bhushan ने कहा…

बहुत ही बढ़िया चित्रमय प्रस्तुति.

अभिषेक मिश्र ने कहा…

Apne yatra sansmaran mein sahbhagi banane ka dhanyavad. Aakarshak chitron se saji behtareen post. Shubhkaamnayein.

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

चित्र और सफर -वर्णन मनोरम हैं.

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

मनमोहक चित्रों ने हमें भी महाबलेश्वर की यात्रा करा दी।
आपका धन्यवाद।

केवल राम ने कहा…

आपके साथ साथ हमारा सफर भी आनंद दायक रहा जीवन के इन सुंदर पलों को हम सब के साथ साँझा करने के लिए आपका आभार ....!

Suman ने कहा…

बहुत बार सोचा महाबलेश्वर जाना पर हुआ नहीं !
अच्छे फोटो और जानकारी !आभार !

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

बहन रेखा जी मनमोहक चित्रों ने हमें भी महाबलेश्वर की यात्रा करा दी और सुन्दर प्रस्तुति.

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत सुंदर यात्रा वृतांत.. लगा खुद ही घूम रहा हूं.

नीरज गोस्वामी ने कहा…

बहुत रोचक पोस्ट...फोटो एक से बढ़ कर एक हैं...आपके साथ हम भी पंचगनी घूम लिए...शुक्रिया

नीरज

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

यह तो बहुत अच्छी जगह है और फोटो भी खूबसूरत.
_______________
'पाखी की दुनिया' में भी आपका स्वागत है !

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

रेखा जी बहुत मजा आया आप की आँखों से हमने भी देखा महाबलेश्वर और पंचगनी पांडवों तक की याद आ गयी -
सुन्दर छवियाँ -आनंद- दायी
बधाई हो
शुक्ल भ्रमर ५

virendra sharma ने कहा…

भाग १ का हम यात्री बनने से भी हम खुद को कहाँ रोक सके रोचक यात्रा वृत्तांत चित्रमय झांकी समेत.आभार .

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

चलिए आपको धन्यवाद दे दूँ ..आपकी वजय से मैने भी घुमने का यहाँ का प्रोग्राम बना लिया हैं .....जय महाराष्ट्र !