स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

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शुक्रवार, 6 मई 2011

ओबामा, ओसामा,मीडिया और कनफूजन

किसी ने सच ही कहा है कि नाम में क्या रखा है काम देखो यारो .लेकिन यदि एक  नाम दुनिया के सबसे शक्तिशाली दस्त  के राष्ट्रपति का और दूसरा आतंकवादियों का मुखिया हो  तो फर्क तो पड़ता ही है. पड़ना ही चाहिए.  
लेकिन फर्क किसको पड़ता है .......? 


किसी को नहीं . कोई फर्क पड़ने दे तब तो फर्क पड़े . भारत के दर्शको के साथ साथ सारी दुनिया ने ओसामा और ओबामा के नामों में समानता का खूब लुफ्त उठाया. 
जब दो मई को ओसामा के मौत का समाचार मीडिया में आया तो बहुत से टी वी चैनल गच्चा खा गए. कोई ओबामा को मार रहा था तो कोई  ओसामा को पाकिस्तान का दौरा करबा रहा था.





जहाँ एन डी टी वी इंडिया ने ओबामा के सर में गोली मार दी वहीँ अमरीकी चैनल  फोक्स न्यूज़ ने भी अपने राष्ट्रपति को नहीं बख्शा  और ब्रेकिंग न्यूज़ में ओबामा बिन लादेन के मरने की पुष्टि कर दी .
सबसे ज्यादा बिकने वाले अंग्रेजी अख़बार का दावा करने वाले टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपने वेब साईट  पर ओबामा को सबसे युवा पत्नी के साथ पाए जाने की खबर को प्रकाशित किया . 

एक अन्य वेब साईंट ने यह प्रकाशित किया की ओसामा बिन लादेन अपने पाकिस्तान दौरे को लेकर पशोपेश की स्थिति में है.

कुल मिलाकर मीडिया  ने भी आपस में ब्रेकिंग न्यूज़ के बहाने खूब दौड़ लगाई  और इतने बड़े संवेदनशील मुद्दे को हास्यास्पद बना दिया . 

वर्तमान समय में जहाँ मीडिया इतना सशक्त और सक्षम है कि वो जनता को सही दिशा और दशा के वारे में अवगत करा सके . उस समय मीडिया का ये गैरजिम्मेदारी पूर्ण रवैया अशोभनीय है. यहाँ ओसामा और ओबामा दोनों चर्चित चेहरे है और इन दोनों के विपरीत व्यक्तित्व से आम जनता वाकिफ है इसलिए संशय का तो सवाल ही पैदा नहीं होता.लेकिन भविष्य में इस तरह की गलती फिर से न हो इसलिए मीडिया को तैयार रहना होगा.
ओबामा, ओसामा,मीडिया और कनफूजन 



1 टिप्पणी:

Raj ने कहा…

कन्फ्यूजन तो कुछ भी नहीं था ओबामा....... मतलब ओसामा को तो ही मरना था ..