नेता जी( एम पी , एम एल ए या ......... ) बड़े है या रेल चालक आम आदमी तो यही कहेगा की नेता जी . आखिर कहे क्यों नहीं नेता जी देश चलाते है और चालक रेल .
हुआ यूँ कि भूतपूर्व संसद सदस्य विजय गोयल मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करने के लिए दिल्ली -अजमेर शताब्दी एक्सप्रेस से जा रहे थे. बालाजी के दर्शन करने के लिए सबसे पास का रेल स्टेशन है बांदीकुई .पर शताब्दी एक्सप्रेस तो वहां रूकती नहीं है . ट्रेन उसको पार कर जाये वो भी बिना नेता जी को उतारे हुए वह भी मुश्किल . सो नेताजी की इच्छा समझ कर चमचो ने ट्रेन रुकवा दी . ट्रेन भी चमचो की कृपा से अपने आप को भाग्य शाली समझ कर नेता जी का आशीर्वाद ले कर आगे बढ़ी.
एक ही दिन भारतीय रेल ने हमें दो विपरीत उदाहरण दिए. एक नेता जी " अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता " और दूसरा एक ड्राईवर जिसने आम लोगो की तकलीफ को अपनी तकलीफ से ऊपर रखा.
1 टिप्पणी:
Driver to driver hai or neta to.......................................................................................
neta hai.....
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