स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

नेता या रेल चालक

नेता जी( एम पी , एम एल ए या ......... ) बड़े है या रेल चालक  आम आदमी तो यही कहेगा की नेता जी . आखिर कहे क्यों नहीं नेता जी देश चलाते है और चालक  रेल .
हुआ यूँ कि भूतपूर्व संसद सदस्य विजय गोयल मेहंदीपुर  बालाजी के दर्शन करने के लिए दिल्ली -अजमेर शताब्दी  एक्सप्रेस से जा रहे थे. बालाजी के दर्शन करने  के लिए सबसे पास का रेल स्टेशन है बांदीकुई .पर शताब्दी एक्सप्रेस तो वहां रूकती नहीं है . ट्रेन उसको पार कर जाये वो भी बिना नेता जी को उतारे हुए वह भी मुश्किल . सो नेताजी की इच्छा समझ कर चमचो ने ट्रेन रुकवा दी . ट्रेन भी चमचो की कृपा से अपने आप को भाग्य शाली समझ कर नेता जी का आशीर्वाद ले कर आगे बढ़ी. 




 जबकि उसी दिन  मुंबई छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और पुणे के बीच भी ट्रेन चलती है प्रगति एक्सप्रेस. प्रगति एक्सप्रेस में भी एक घटना होती है.  उस दिन  प्रदीप कुमार प्रगति एक्सप्रेस के चालक होते है. . प्रदीप कुमार उस समय  घायल हो गए जब घाटकोपर रेलवे स्टेशन  पर एक पत्थर से उनको चोट लग गयी . प्रदीप को हाथ और छाती में काफी चोट लगी थी.प्रदीप के पास ट्रेन रोकने के पर्याप्त कारण थे पर उन्होंने ट्रेन को कल्याण तक चलाना उचित समझा क्योंकि उनकी ट्रेन के बीच में   रुकने से  शाम के समय कई लोकल ट्रेन  को भी रुकना पड़ता . प्रदीप  ने कल्याण स्टेशन पर दूसरे ड्राईवर की व्यवस्था करने का सन्देश अपने अधिकारीयों को दिया और स्वयं कल्याण स्टेशन तक ट्रेन  चलाते हुए  पहुंचे .


एक ही दिन भारतीय रेल ने हमें दो विपरीत उदाहरण दिए. एक नेता जी " अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता " और दूसरा एक ड्राईवर जिसने आम लोगो की तकलीफ को अपनी तकलीफ से ऊपर रखा.

1 टिप्पणी:

Suresh kumar ने कहा…

Driver to driver hai or neta to.......................................................................................


neta hai.....