कहते है राम कथा अगर कही होती है तो हनुमान जी किसी न किसी रूप में उपस्थित जरूर होते है. हनुमान जी राम कथा का आनंद लेते है और प्रसाद ले के जाते है.
ऐसा ही कुछ नज़ारा रतलाम में देखने को मिला. यहाँ राम कथा चल रही थी तो एक वानर महाराज पहुँच गए और मंच पर स्वछंद विचरण करने लगे .
ऐसा कहा जाता है की यदि हनुमान जी को प्रसन्न करना हो तो राम का गुणगान करना चाहिए. यहाँ भी वानर महाराज काफी प्रसन्न मुद्रा मैं है . यहाँ तक की वहां बिराजमान महानुभावों से गले मिलते हुए दिखाई दे रहे है और वानर महाराज प्रसाद ले के ही जाते है .
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